78% कंपनियों को आयकर छूट की लिमिट बढ़ने की उम्मीद, 82% ने कहा- 80 सी के तहत डिडक्शन बढ़ेगा

उद्योग जगत को उम्मीद है कि बजट में इनकम टैक्स में राहत की घोषणा की जाएगी। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी ने 18 सेक्टर की 219 कंपनियों पर सर्वे किया। इनमें से 78% कंपनियों को लगता है कि आयकर छूट की लिमिट मौजूदा 2.5 लाख रुपए से ज्यादा की जाएगी। 72% को उम्मीद है कि अधिकतम 30% टैक्स के लिए आय की निचली सीमा बढ़ाई जाएगी। अभी 10 लाख रुपए से ज्यादा आय पर 30% टैक्स लगता है। 82% कंपनियों ने कहा कि 80 सी के तहत डिडक्शन बढ़ाया जाएगा। 53% को स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने और 44% को एचआरए जैसे टैक्स फ्री अलाउंस बढ़ने की उम्मीद है।


53% कंपनियों ने कहा- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स हटना चाहिए
केपीएमजी के सर्वे में ज्यादातर कंपनियों ने भरोसा जताया कि घरेलू कंपनियों के बाद अब विदेशी कंपनियों के लिए भी टैक्स की दरों में कटौती की जा सकती है। साथ ही उम्मीद जताई कि इन्हेरिटेंस टैक्स की घोषणा नहीं की जाएगी। सर्वे में शामिल 50% कंपनियों का मानना है कि सेज के तहत एक्सपोर्ट में टैक्स छूट का दायरा मार्च 2020 के बाद शुरू होने वाली कंपनियों के लिए भी बढ़ाया जाएगा।









































सवालहां में जवाब देने वाली कंपनियां
कंपनियों पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म होना चाहिए54%
सेज के तहत टैक्स हॉलिडे का समय मार्च 2020 से आगे बढ़ने की उम्मीद है50%
दिवालिया प्रक्रिया में शामिल कंपनियों को टैक्स में कोई रियायत मिलेगी31%
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर लगने वाला 10% टैक्स हटना चाहिए53%
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स खत्म होना चाहिए42%
विदेशी कंपनियों पर भी टैक्स की दरें घटनी चाहिए52%
टैक्स की ई-एसेसमेंट स्कीम से पारदर्शिता बढ़ेगी68%
ई-एसेसमेंट से करदाताओं को फायदा होगा70%

पर्सनल इनकम टैक्स घटने से खर्च और निवेश बढ़ने की उम्मीद
सरकार ने सितंबर में कॉर्पोरेट टैक्स कम किया था। उसके बाद पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती की अटकलें भी शुरू हो गई थीं। हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद अर्थव्यवस्था में उतना सुधार नहीं दिखा, जितनी उम्मीद की गई थी। ऐसे में ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकार बजट में बड़े ऐलान कर सकती है। केपीएमजी के को-हेड (टैक्सेशन प्रैक्टिस), हितेश गजारिया ने बताया कि सर्वे में शामिल सभी कंपनियों की सबसे ज्यादा उम्मीद पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती की है। ऐसा होने से खर्च और निवेश बढ़ने की उम्मीद रहेगी।